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राष्‍ट्रीय वनस्‍पति स्‍वास्‍थ्‍य प्रबंधन संस्‍थान(रावस्‍वाप्रसं) की स्‍थापना की पृष्‍ठभूमि


एनआईपीएचएम, कृषि एवं सहकारिता विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण में एक राष्ट्रीय स्तर का संस्थान है जिसकी स्थापना वर्ष 1966 में हैदराबाद में केंद्रीय पादप संरक्षण संस्थान (सीपीपीटीआई) के रूप में हुई थी। बाद में इस संस्थान का नाम बदलकर राष्ट्रीय पादप संरक्षण प्रशिक्षण संस्थान (एनपीपीटीआई) कर दिया गया। यह वर्ष 2008 में एक स्वायत्त निकाय बन गया, जिसका उद्देश्य विविध एवं परिवर्तनशील कृषि-जलवायु परिस्थितियों में पर्यावरणीय रूप से स्थायी पादप स्वास्थ्य प्रबंधन पद्धतियों को बढ़ावा देना, क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के माध्यम से पादप जैव सुरक्षा प्रबंधन एवं कीटनाशक प्रबंधन को बढ़ावा देना, साथ ही राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर पादप स्वास्थ्य प्रबंधन, पादप जैव सुरक्षा, आक्रामक विदेशी प्रजातियों, बाजार पहुँच, कीटनाशक प्रबंधन आदि पर नीति निर्माण हेतु इनपुट प्रदान करना है।

इतिहास

हमारे देश के कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण क्षेत्र, पादप स्वास्थ्य प्रबंधन के क्षेत्र में उभरती चुनौतियों के खिलाफ अधिक कार्यात्मक लचीलापन और व्यापक पहुंच प्रदान करने के लिए, भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के कृषि और सहकारिता विभाग ने 13 अक्टूबर, 2008 के संकल्प एफ. संख्या 20-62/2007-पीपी I के तहत इस संस्थान को एक स्वायत्त निकाय में बदलने का निर्णय लिया था।

एनआईपीएचएम का पंजीकरण

संस्थान को भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त संस्था के रूप में, सोसायटी रजिस्ट्रार कार्यालय, रंगारेड्डी जिला, हैदराबाद, आंध्र प्रदेश में 24 अक्टूबर, 2008 को राष्ट्रीय पादप स्वास्थ्य प्रबंधन संस्थान के नाम से पंजीकृत किया गया है, जिसका पंजीकरण संख्या 1444/2008 है, जो आंध्र प्रदेश सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 2001 (अधिनियम संख्या 35/2001) के अंतर्गत है।