पीड़कनाशी प्रबंधन प्रभाग |
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फसलों को हानिकारक कीटों से बचाने के साथ पर्यावरण एवं मानव की सुरक्षा के लिए कीटनाशकों का उचित विनियमन या उचित प्रबंधन किया जाना आवश्यक है । पीड़कनाशी प्रबंधन प्रभाग पीड़कनाशियों के वैज्ञानिक को प्रबंधन हेतु उपयुक्त सलाह प्रदान करता है । कृषि-पारिस्थितिकी प्रणालियों, पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर उनके प्रतिकूल प्रभाव को देखते हुए, यह प्रभाग पीड़कनाशियों के सुरक्षित उपयोग के लिए उनके पूरे जीवन चक्र में विभिन्न दृष्टिकोणों से संबंधित है, जैसे उत्पादन, परिवहन, भंडारण, उपयोग और निपटान आदि का संचालन करता है । एनआईपीएचएम का पीड़कनाशी प्रबंधन प्रभाग (पीएमडी) कीटनाशक निरीक्षकों, नियामकों, कीटनाशक विश्लेषकों, विस्तार अधिकारियों, वैज्ञानिकों आदि को विभिन्न क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के माध्यम से पीड़कनाशी प्रबंधन विषय पर ज्ञान और कौशल प्रदान करता है । |
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पीड़कनाशी प्रबंधन प्रभाग की मुख्य गतिविधियां |
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1 क्षमता निर्माण कार्यक्रम |
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पीड़कनाशी प्रबंधन प्रभाग केन्द्र और राज्य के कृषि विभागों में कार्यरत अधिकारियों के लिए निम्नलिखित क्षेत्रों में क्षमता निर्माण के लिए लगातार प्रयास करता है, जिससे विश्लेषकों/अधिकारियों को प्रभावी ढंग से विश्लेषण करने में मदद मिलती है।
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2. परीक्षण / विश्लेषण |
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क. रासायनिक विश्लेषण के क्षेत्र में आईएसओ / आईईसी 17025: 2017 के अनुसार पीड़कनाशी निर्माण एवं अवशेष विश्लेषणात्मक केंद्र (पीएफआरएसी) के रूप में नामित पीएमडी की प्रयोगशालाओं को परीक्षण और अंशांकन प्रयोगशालाओं के लिए राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) द्वारा मान्यता प्राप्त है । (प्रत्यायन प्रमाणपत्र सं. टीसी-5338)
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निम्न क्रियाकलापों में पीएफआरएसी शामिल है: |
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क) पीड़कनाशी सूत्रीकरण विश्लेषण : |
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पीएफआरएसी का पीड़कनाशी सूत्रीकरण अनुभाग बीआईएस विधियों के अनुसार सक्रिय संघटक सामग्री के लिए तकनीकी और फॉर्मूलेशन के नमूनों का विश्लेषण करता है । प्रयोगशाला बीआईएस प्रक्रियाओं के अनुसार भौतिक-रासायनिक मानकों जैसे अम्लता, संवेदनशीलता, रासायनिक स्थिरता, कण आकार, फ्लैश प्वाइंट के लिए कीटनाशक फॉर्मूलेशन का भी विश्लेषण करती है। प्रयोगशाला जीसी-एफआईडी, एचपीएलसी-यूवी, एफटीआईआर और यूवी-विज़ स्पेक्ट्रोफोटोमीटर आदि जैसी वॉल्यूमेट्रिक और इंस्ट्रूमेंटल विश्लेषण सुविधाओं से सुसज्जित है। |
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ख) पीड़कनाशी अवशेष विश्लेषण : |
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खाद्य पदार्थों में पीड़कनाशी अवशेषों की नियमित निगरानी के लिए 2005-06 के दौरान शुरू की गई ‘राष्ट्रीय स्तर पर पीड़कनाशी अवशेषों की निगरानी (एमपीआरएनएल)’ पर डीएसी वित्त पोषित केंद्रीय क्षेत्र की योजना में 32 भाग लेने वाले केंद्रों में से पीड़कनाशी प्रबंधन प्रभाग भी है। स्थानीय बाजारों एवं कृषि स्थलों से फल, सब्जियों, अनाज, दलों, मसालों, दूध एवं जल से नमूने इक्ट्ठे किये जाते हैं । |
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उक्त वस्तुओं में पीड़कनाशी अवशेषों का मूल्यांकन गुणात्मक और मात्रात्मक दोनों तरह से किया जाता है और परीक्षण के परिणामों को मासिक आधार पर एमपीआरएनएल के परियोजना समन्वयक को संक्षेप में प्रस्तुत किया जाता है । पुष्टिकरण विश्लेषण के लिए प्रयोगशाला परिष्कृत विश्लेषणात्मक उपकरणों जैसे जीसी-एमएस/एमएस, एलसी-एमएस/एमएस से सुसज्जित है। |
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ग) जैव-उत्पाद विश्लेषण (आईए, 1968 के तहत् सीआईएल) : |
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भारत में कीटनाशक बाजार जैव उत्पादों (हर्बल उत्पाद/पौधे उत्तेजक) की श्रेणी के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के रासायनिक, जैविक कीटनाशकों और कीटनाशकों से भरा हुआ है। ये जैव उत्पाद केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड और पंजीकरण समिति (CIBRC) द्वारा पंजीकरण के बिना बेचे जाते हैं और इनमें से कुछ उत्पादों को रासायनिक पीड़कनाशियों के साथ मिलाया जाता है । अन्य देशों के अपंजीकृत कीटनाशकों को भी कभी-कभी अवैध आयात के माध्यम से इन उत्पादों में मिलाया जाता है और जैव उत्पादों के नाम से बेचा जाता है। |
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ख) भारी धातु विश्लेषण : पीएमडी भारी धातुओं के विश्लेषण के लिए इंडक्टिवली कपल्ड प्लाज्मा ऑप्टिकल एमिशन स्पेक्ट्रोमेट्री (आईसीपी-ओईएस) और संबंधित बुनियादी ढांचे से लैस है । विभाग हर महीने पानी और पत्तेदार सब्जियों के लगभग 25 नमूने एकत्र करता है और विभिन्न भारी धातुओं की उपस्थिति का विश्लेषण करता है। |
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3. दक्षता परीक्षण |
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दक्षता परीक्षण (पीटी) में भागीदारी को प्रयोगशाला की गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली का एक महत्वपूर्ण मानदंड माना जाता है और आईएसओ/आईईसी 17025 दिशानिर्देशों के अनुसार अनिवार्य है । पीएमडी, एनआईपीएचएम का प्रवीणता परीक्षण केंद्र (पीटीसी) कीटनाशक निर्माण और अवशेष विश्लेषण के क्षेत्र में दक्षता परीक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है ।
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पीटीसी पीड़कनाशी सूत्रीकरण विश्लेषण में लगभग 4-6 पीटी कार्यक्रम एवं पीड़कनाशी अवशेष विश्लेषण में 4-5 पीटी कार्यक्रम (वर्ष 2021-22 के लिए पीटी कैलेंडर के लिए हाइपरलिंक) आयोजित करता है । . |
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उपरोक्त गतिविधियों के अलावा, कीटनाशक प्रबंधन प्रभाग कीटनाशक अधिनियम, 1968 से संबंधित नीतिगत मुद्दों में भी अपना समर्थन देता है, पीड़कनाशी निर्माण और पीड़कनाशी अवशेष विश्लेषण प्रयोगशालाओं आदि की स्थापना में तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान करता है। |
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